झूठा प्रमाण पत्र दिखाकर लिया प्रमोशन।
बाराबंकी: जिले में एक पुलिस अधिकारी की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। दरअसल, जिला अपराध कंट्रोल ब्यूरो (DCRB) के प्रभारी इंस्पेक्टर अंगद प्रताप सिंह पर 1999 में डकैती का मुकदमा दर्ज था। बाद में इस मामले में आरोप पत्र भी दाखिल हुआ था। हालांकि इन सब के बाद भी आरोपी दारोगा ने झूठी जानकारी देकर प्रमोशन पा लिया। अब जांच में इस बात का खुलासा हुआ है, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
1999 में दर्ज हुआ था डकैती का केस
दरअसल, बाराबंकी पुलिस विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जिला अपराध कंट्रोल ब्यूरो (DCRB) के प्रभारी इंस्पेक्टर अंगद प्रताप सिंह पर गंभीर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इंस्पेक्टर के खिलाफ 1999 में कानपुर के कर्नलगंज थाने में डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं 2002 में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत इंस्पेक्टर के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हुआ था। अंगद प्रताप सिंह ने 2015-16 में फतेहपुर जिले में तैनाती के दौरान विभाग को गलत घोषणा पत्र दिया था। अपने घोषणा पत्र में उन्होंने दिखाया था कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है।
झूठी जानकारी देकर पाया प्रमोशन
बता दें कि अंगद प्रताप सिंह पर डकैती के आरोप हैं और उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज है, लेकिन डकैती के आरोपी दारोगा को प्रमोशन मिल गया है। बाराबंकी में DCRB प्रभारी के पद पर तैनात दारोगा अंगद प्रताप सिंह झूठी जानकारी देकर इंस्पेक्टर बन गए, जिस संबध में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आईजी स्थापना के निर्देश पर सीओ सदर हर्षित चौहान ने मामले की जांच में अंगद प्रताप सिंह को दोषी पाया। एसपी कार्यालय की प्रधान लिपिक मीना भाटिया की शिकायत पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। अब इंस्पेक्टर अंगद प्रताप सिंह पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है। (इनपुट- दीपक निर्भय)
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